क्या हो हब आप 8 से 9 महीने पूरी मेहनत से अपने खेल के लिए अभ्याश करे और जब आपका कम्पटीशन हो और आप उसी दिन बीमार या चोट खा ले ?
हाँ मैं जनता हूँ ही हम लोग अकेले नहीं है जिनके साथ ऐसा हुआ हो हम सबने काफी बार ये बात सुनी है की किसी खिलाडी की तबियत इवेंट वाले दिन अचानक खराब हो जाती है या इवेंट के एक दिन पहले वे किसी तरह की चोट खा जाते है और स्विमिंग में तो ये मैंने काफी बार देखा है की वार्मअप के समय ही कुछ तैराको को शोल्डर या बैक पेन हो जाता है, हमारे बच्चो पर स्पोर्ट्स के अलावा भी काफी काम होता है और इसका जिक्र मैंने पहले भी किया है, और अगर इतनी मेहनत के बाद खिलाडियों को उनका रिजल्ट नहीं मिलता है तो वे निराश हो जाते है और जिसका इफ़ेक्ट उनके आने वाले भविष्य पर पड़ता है|
नीचे 2 बाते लिखी जा रही है जो अध्यापको को जरुर सीखना चाहिए:-
1)जब स्थिति हाथ से निकल चुकी हो
चाहे तैराक बीमार हो या किसी तरह की चोट से जूझ रहा हो आपको ये पता है की इन सब चीजों का असर तैरने की स्पीड पर सीधा पड़ता है, और अगर ऐसी स्तिथि आपके तैराक के साथ हुई हो और रेस में तेज़ तैराक भी हो, तो आपको क्या करना चहिये??? क्या आप अपने तैराक को जोर देंगे की वो तेज़ तैरे?? या फिर उसे रिकवर होने देंगे और रेस को तेज़ तैरने या धीमा तैरने की बात पर कोई जोर नहीं देंगे??
हलाकि मैं भी एक तैराक रहा हूँ और मैंने ये काफी बार देखा है की कुछ अध्यापक अपने बच्चे से ज्यादा रेस पर ध्यान देते है और ये बात तबतक सही होती है जबतक तैराक पूरी तरह से फिट हो, लेकिन वे उसको फिर भी जोर देते है अगर वो बीमार है या उसे वार्मअप में चोट लगी हुई हो, जो की बिलकुल ही गलत है क्युकी स्विमिंग में अगर आपके शरीर की मंशपेसियो पर ज्यादा जोर पड़ता है तो वो लाइफटाइम के लिए डैमेज हो सकती है, इसलिए उस परिस्तिथि में “आपको अपने तैराक को रिकवर होने में मदद करना चहिये ना की उसके अपने वाले भविष्य के साथ खेलवाड़|”
२)अपने BODY LANGUAGE का सही इस्तेमाल
हम जानते है की हमारे तैराक अपनी तरफ से 100% ही देते है भले ही वो 1st हो या last उससे फर्क नहीं पड़ता, लेकिन वो निराश तब होते है जब वो अपने 100% के बाद भी अपने सोचे हुए टारगेट तक नहीं पहुच पते जैसे हर तैराक चाहे वो 1st हो या last ये सभी तैराक रेस में सिर्फ अपने पिछले टाइम से अच्छे टाइम को लेन के लिए रेस करते है, और इसके बाद भी अगर कोई तैराक अपने टारगेट टाइम तक नहीं पहुच पता है तो उसे बुरा लगता है, इसलिए हमे एक अच्छे टीम मेम्बर की तरह “अपने तैराक को हर परिस्तिथि में हमेसा पॉजिटिव रखना चहिये|”
तो यहाँ मेरा एक प्रश्न आप सभी READERS से यही है की “क्या अपने इससे कुछ सिखा ??“
कुछ और खास Lessons:-